एक नीम हज़ारो रोगो को जड़ से मिटा देता है , रोज नीम का उपयोग कीजिये
नीम एक आयुर्वेदिक दवाई है, जिसके
कई सारे स्वास्थ्यवर्धक फायदे हैं। नीम, हमारे शरीर,
त्वचा
और बालों के लिये बहुत फायदेमंद है। इसका कडुआ स्वाद बहुत से लोगो को खराब लगता
है इसलिये वे इसे चाह कर भी नहीं खा पाते। इसी कारण नीम का रस पीना ज्यादा आसान
होता है। आइये जानते हैं इस गुणकारी नीम के रस का फायदा।
नीम का जूस कैसे पिएं?
1. नीम का रस बहुत कडुआ होता है, जिसे
पीना बहुत मुश्किल होता है। अगर आपको इसके फायदे चाहिये तो इसे एक ग्लास में डाल
कर इसको दवा समझ कर पूरा एक साथ पी लें। इसके अलावा ये भी देखिये की नीम के रस को
और किस-किसी प्रकार से पिया जा सकता है। नीम
त्वचा के लिए अमृत होती है|
2. नीम के रस में थोड़ा मसाला डाल दें जिससे उसमें
स्वाद आ जाए। इसको पीने से पहले उसमें नमक या काली मिर्च और या फिर दोनों ही डाल
दें।
3. कई लोगो को नीम की महक अच्छी नहीं लगती। इसलिये जब रस निकाल लें तब
उसको फ्रिज में 15-20 मिनट के लिये रखें या फिर उसमें बर्फ के कुछ
क्यूब डाल दें और फिर पिएं। लेकिन सबसे अच्छा होगा कि नीम के रस को निकाल कर
तुरंत ही पी लिया जाए। इसको 30 मिनट से ज्यादा स्टोर कर के नहीं
रखना चाहिये।
4. नीक का रस पीने से पहले अपनी नाक को दबा लें,
इससे
जूस को पीने में आसानी होगी। अगर आपको नीम जूस का पूरा फायदा उठाना है, तो
इसमें चीनी बिल्कुल भी न मिलाएं।
5. नीम का रस हमेशा सुबह-सुबह पिएं। इसकी
कडुआहट को कम करने के लिये इसमें नमक मिलाएं और हल्का सा पानी भी।
नीम जूस के लाभ ही लाभ -
2. पीलिया में फायदा नीम की पत्तियों के रस और शहद
को २:१ के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है, और इसको कान में
डालने से कान के विकारों में भी फायदा होता है।
3. शरीर की गंदगी साफ करे नीम जूस पीने से,
शरीर
की गंदगी निकल जाती है। जिससे बालों की क्वालिटी, त्वचा की कामुक्ता
और डायजेशन अच्छा हो जाता है।
5. आंखों की रौशनी बढ़ाए नीम के रस की दो बूंदे
आंखो में डालने से आंखो की रौशनी बढ़ती है और अगर कन्जंगक्टवाइटिस हो गया है,
तो
वह भी जल्द ठीक हो जाता है
7. खून साफ करे नीम एक रक्त-शोधक औषधि है, यह
बुरे कैलेस्ट्रोल को कम या नष्ट करता है। नीम का महीने में 10
दिन तक सेवन करते रहने से हार्ट अटैक की बीमारी दूर हो सकती है।
8. पायरिया में लाभदायक मसूड़ों से खून आने और
पायरिया होने पर नीम के तने की भीतरी छाल या पत्तों को पानी में औंटकर कुल्ला करने
से लाभ होता है। इससे मसूड़े और दाँत मजबूत होते हैं। नीम के फूलों का काढ़ा बनाकर
पीने से भी इसमें लाभ होता है। नीम का दातुन नित्य करने से दांतों के अन्दर पाये
जाने वाले कीटाणु नष्ट होते हैं। दाँत चमकीला एवं मसूड़े मजबूत व निरोग होते हैं।
इससे चित्त प्रसन्न रहता है।
10. प्रेगनेंसी में प्रेगनेंसी के दौरान नीम का रस
योनि के दर्द को कम करता है। कई प्रेगनेंट औरते लेबर पेन से मुक्ती पाने के लिये
नीम के रस से मसाज करती हैं। प्रसूता को बच्चा जनने के दिन से ही नीम के पत्तों का
रस कुछ दिन तक नियमित पिलाने से गर्भाशय संकोचन एवं रक्त की सफाई होती है, गर्भाशय
और उसके आस-पास के अंगों का सूजन उतर जाता है, भूख लगती है,
दस्त
साफ होता है, ज्वर नहीं आता, यदि आता भी है
तो उसका वेग अधिक नहीं होता।
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